B.S.Sharma....
Delhi....
: औरत की उत्त्पत्ति ::: RACHNAKAR.
आग और शोलों को पिसा गया ,
रंग मखमल का उसमे उड़ेला गया,
बादाम और पिस्ता के अर्क निकाले गए ,
फूल गुलिश्ता के उसमे डालें गए ,
हीरा कोहिनूर को भी लाया गया ,
और बादामी सरबत मिलाया गया ,
समुन्द्रो से मोती मंगाए गए ,
थाले हीरे जवाहरात सजाये गए,
चन्दन का उबटन मंगाया गया,
था सभी को इक जगह मिलाया गया,
इत्तर को उस पर जब छिड़कने लगे ,
जामे - शूरा तब खड़कने लगे ,
हुश्ने महफ़िल में रंग जब आने लगा,
लाचार आशिक जब था गाने लगा ,
जलजला इक उठा आवाज आने लगी
महफ़िल में तब वो गाने लगी ,
औरत हूँ मै ,औरत हु मैं ,
यह कह कर वो शर्माने लगी ,:::::::::::::::
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