: 7 : 7th June ; 2014 ,
Delhi ::::::
B.S.Sharma::::::
(Rachnakar)
"आशा "
" आ "अक्षर से बनी आत्मा "शा " से शारदा माई ;
इन दो अक्षर का भेद कोई न समझ सका है भाई।
सृष्टि के भई सभी भेद है "अ " अक्षर में छिपे हुए ;
रिद्धि ,सिद्धि ,सुख के द्वार है ,श " अक्षर से बने हुए ,
"अ " नाम है उस ईष्वर का सब पूजा करते है भाई।
आ अक्षर से :::::::::::::::::::
जन्म , मरण , का संगी , साथी , :आ: अक्सर है सर्वोपरि
हर सांस में इसके खुसबू आवत "आ" अक्सर है सर्वोपरि ,
"आ" के सुमरण करने से मनु भवसागर से ट्रे भाई ;
आ अक्सर से ::::::::::::::::::::
:अ: अनादि "आ" अनंत है " आ" से दुनियाँ कायम है ,
:श : की पूजा हर घर में धन धन्य की दुनिया कायम है ;
हर दुःख का साथी :आ: अक्षर है कहे ऋषि महात्मा सुन भाई ;
आ अक्षर ::::::::::::::
मन ,मन्दिर और कण ,कण में है :आ; की सूरत छिपी हुई ',
:श : नाम है उस देवी का जो मन मंदिर में रमी हुई ;
गिरजाघर और गुरुद्वारा सब पूजा करते है भाई ;
नमस्कार है :आ: अक्षर को अंत का वो रखवाला है
पूजा करते घर घर में जो दुखो का हरने वाला है
"आ" और शा की सजी है जोड़ी "गोड़ सहाब कहे सुन भाई।
आ अक्षर से ::::::::::::::::::::::
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Delhi ::::::
B.S.Sharma::::::
(Rachnakar)
"आशा "
" आ "अक्षर से बनी आत्मा "शा " से शारदा माई ;
इन दो अक्षर का भेद कोई न समझ सका है भाई।
सृष्टि के भई सभी भेद है "अ " अक्षर में छिपे हुए ;
रिद्धि ,सिद्धि ,सुख के द्वार है ,श " अक्षर से बने हुए ,
"अ " नाम है उस ईष्वर का सब पूजा करते है भाई।
आ अक्षर से :::::::::::::::::::
जन्म , मरण , का संगी , साथी , :आ: अक्सर है सर्वोपरि
हर सांस में इसके खुसबू आवत "आ" अक्सर है सर्वोपरि ,
"आ" के सुमरण करने से मनु भवसागर से ट्रे भाई ;
आ अक्सर से ::::::::::::::::::::
:अ: अनादि "आ" अनंत है " आ" से दुनियाँ कायम है ,
:श : की पूजा हर घर में धन धन्य की दुनिया कायम है ;
हर दुःख का साथी :आ: अक्षर है कहे ऋषि महात्मा सुन भाई ;
आ अक्षर ::::::::::::::
मन ,मन्दिर और कण ,कण में है :आ; की सूरत छिपी हुई ',
:श : नाम है उस देवी का जो मन मंदिर में रमी हुई ;
गिरजाघर और गुरुद्वारा सब पूजा करते है भाई ;
नमस्कार है :आ: अक्षर को अंत का वो रखवाला है
पूजा करते घर घर में जो दुखो का हरने वाला है
"आ" और शा की सजी है जोड़ी "गोड़ सहाब कहे सुन भाई।
आ अक्षर से ::::::::::::::::::::::
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