28. 12th June, 2014..
Delhi.....
B.S.Sharma....
(Rachnakar )..
" गम "
जगह कौन सी है कोई बता दे ये मुझको ,
जहाँ ज़िंदगी में गम न मिले ,
बहारो की महफ़िल जहां सजती हो निसदिन,
फूल बगिया में सूखे जहाँ न मिले,
बताओ कहा है रात का उजाला ,
अंधेरे का होता नहीं जहां बोलबाला ,
गोरा हो या काला कोई बता दे ये मुझको ,
जहां ज़िंदगी में गम न मिले :::::::::::::::
किस्मत का जो भी है लिखनेवाला ,
लिखा जो भी उसने नही मिटने वाला ,
सरहाते है सब उसकी कारीगरी को ,
नही छोर ऐसा कोई जो जमी से मिले ,
जगह कौन सी है :::::::::::::
खुशियों का उजाला लेकर आता जो भोर है,
बदलता है मौसम आगे घटा घनघोर है,
कहा ज़िंदगी में ठोर है,कोई बता दे ये मुझको ,
जहां ज़िंदगी में गम ना मिले
जगह कोन सी है ::::::::::
सारे है मुसाफिर यहाँ ज़िंदगी ही रेल है
खट्टा हो मीठा सफर होती धकापेल है,
सुखो की है बेल कहा कोई बता दे ये मुझको ,
जहॉ ज़िंदगी में गम ना मिले ,
जगह कोण सी है ::::::::::::::::::
Delhi.....
B.S.Sharma....
(Rachnakar )..
" गम "
जगह कौन सी है कोई बता दे ये मुझको ,
जहाँ ज़िंदगी में गम न मिले ,
बहारो की महफ़िल जहां सजती हो निसदिन,
फूल बगिया में सूखे जहाँ न मिले,
बताओ कहा है रात का उजाला ,
अंधेरे का होता नहीं जहां बोलबाला ,
गोरा हो या काला कोई बता दे ये मुझको ,
जहां ज़िंदगी में गम न मिले :::::::::::::::
किस्मत का जो भी है लिखनेवाला ,
लिखा जो भी उसने नही मिटने वाला ,
सरहाते है सब उसकी कारीगरी को ,
नही छोर ऐसा कोई जो जमी से मिले ,
जगह कौन सी है :::::::::::::
खुशियों का उजाला लेकर आता जो भोर है,
बदलता है मौसम आगे घटा घनघोर है,
कहा ज़िंदगी में ठोर है,कोई बता दे ये मुझको ,
जहां ज़िंदगी में गम ना मिले
जगह कोन सी है ::::::::::
सारे है मुसाफिर यहाँ ज़िंदगी ही रेल है
खट्टा हो मीठा सफर होती धकापेल है,
सुखो की है बेल कहा कोई बता दे ये मुझको ,
जहॉ ज़िंदगी में गम ना मिले ,
जगह कोण सी है ::::::::::::::::::
No comments:
Post a Comment