32.. 13th June, 2014.......
Delhi ........
B.S.Sharma......
(Rachnakar )......
" असंतोष "
मै हूँ हिंदुस्तानी ,मुझे विराट हिंदुस्तान चाहिए ,
असंतोष का हर घर में गुणगान चाहिये ,
संतोष का नाम दुसरा है अवनति ,
असंतोष का नाम अमर, है उन्नति ,
इच्छाए कभी ना हो पूरी ऐसा हिंदुस्तान चाहिए,
मै हु हिंदुस्तानी :::::::::::::
गली और कूचे नदी और नाले ,
असंतोष की हिन्दे लोग देवें मिशाल ,
दरियाए ऐसी बेसुम्मार चाहिए ,
मै हु हिंदुस्तानी ,"""""""""::::::
लक्ष्य हर पथिक का बढ़ता ही जावें ,
सन्तोष दिल से घटता ही जावें ,
विचलित न हो ऐसा प्रधान चाहिए ,
मै हु हिंदुस्तानी :::::::
दुनियाँ में हिन्द तेरा डंका बजता रहे
संतोष बढ़ता रहे असंतोष घटता रहे,
दुश्मन भी ये सब देख हैरान चाहिए :::
मै हु हिंदुस्तानी ::::::::::::::
हिन्द हर सख्स की चाहत बने ,
दीन और दुखियों की राहत बने ,
" गौड़ " हर जन्म हिंदुस्तान चाहिए ::
मै हूँ हिंदुस्तानी :::::::::::::
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Delhi ........
B.S.Sharma......
(Rachnakar )......
" असंतोष "
मै हूँ हिंदुस्तानी ,मुझे विराट हिंदुस्तान चाहिए ,
असंतोष का हर घर में गुणगान चाहिये ,
संतोष का नाम दुसरा है अवनति ,
असंतोष का नाम अमर, है उन्नति ,
इच्छाए कभी ना हो पूरी ऐसा हिंदुस्तान चाहिए,
मै हु हिंदुस्तानी :::::::::::::
गली और कूचे नदी और नाले ,
असंतोष की हिन्दे लोग देवें मिशाल ,
दरियाए ऐसी बेसुम्मार चाहिए ,
मै हु हिंदुस्तानी ,"""""""""::::::
लक्ष्य हर पथिक का बढ़ता ही जावें ,
सन्तोष दिल से घटता ही जावें ,
विचलित न हो ऐसा प्रधान चाहिए ,
मै हु हिंदुस्तानी :::::::
दुनियाँ में हिन्द तेरा डंका बजता रहे
संतोष बढ़ता रहे असंतोष घटता रहे,
दुश्मन भी ये सब देख हैरान चाहिए :::
मै हु हिंदुस्तानी ::::::::::::::
हिन्द हर सख्स की चाहत बने ,
दीन और दुखियों की राहत बने ,
" गौड़ " हर जन्म हिंदुस्तान चाहिए ::
मै हूँ हिंदुस्तानी :::::::::::::
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