40... 13th June, 2014....
Delhi......
B.S.Sharma....
(Rachnakar ).....
"संयम के बादल "
ऐ , दुनियां वालो, उसे अब सम्भालो ,
हो सके तो पाक को गर्त होने से बचा लो
गांधीजी का देश भारत शांति का पुजारी,
पहले नही वार करते ये नीति हमारी.,
शरणागत की रक्षा करते जान गई दुनिया सारी ,
प्यार से ही रहना सीखा ये शान है हमारी ,
अहम् हुआ जो उसको ,अहम से बचा लो ,
ये दुनिया वालो ::::::::::::::::
दोस्ती की आढ़ खंजर पीठ में है मारा ,
कैसी ये दोस्ती कैसा भाईचारा ,
खून का है लाल रंग उनका हमारा,
क्या था उनका दोष जिनको बेमौत मारा,
करगिल की भूमि ; लाल होने से बचा लो,
बचा लो बचा लो ये दुनिया वालो::::::::::::::
माताओं की गोद सुन्नी उनके कारण हो गईं ,
भाइयों का इंतजार करती बहने रोती रोती सो गई ,
माथे का सिंदूर हटा जो अबला विधवा हो गई ,
पापा का इंतज़ार करती पलके गीली हो गई ,
संयम के बादल फट न जाएं ,फटने से बचा लो ,
बचा लो बचा लो ये दुनियां :::::::::::::::::
मेरे देश के वीर सिपाही नही नही पीछे हटने वाले है ,
मातृभूमि की रक्षा करते सरहद पर लड़ने वाले है ,
सबक सिखाते है दुश्मन को आन पर मरने वाले है
शान रहे तिरंगे झंडे की शान पर मरने वाले है
ये गौड़ तिरंगे झंडे को दिल में बसा लो,
बसा लो बसा लो ये दुनिया वालो ::::::::::::::::::
::::::::::::::::::::::::::::::
नोट :- उपरोक्त रचना करगिल युद्ध के समय लिखी गई थी :::::
Delhi......
B.S.Sharma....
(Rachnakar ).....
"संयम के बादल "
ऐ , दुनियां वालो, उसे अब सम्भालो ,
हो सके तो पाक को गर्त होने से बचा लो
गांधीजी का देश भारत शांति का पुजारी,
पहले नही वार करते ये नीति हमारी.,
शरणागत की रक्षा करते जान गई दुनिया सारी ,
प्यार से ही रहना सीखा ये शान है हमारी ,
अहम् हुआ जो उसको ,अहम से बचा लो ,
ये दुनिया वालो ::::::::::::::::
दोस्ती की आढ़ खंजर पीठ में है मारा ,
कैसी ये दोस्ती कैसा भाईचारा ,
खून का है लाल रंग उनका हमारा,
क्या था उनका दोष जिनको बेमौत मारा,
करगिल की भूमि ; लाल होने से बचा लो,
बचा लो बचा लो ये दुनिया वालो::::::::::::::
माताओं की गोद सुन्नी उनके कारण हो गईं ,
भाइयों का इंतजार करती बहने रोती रोती सो गई ,
माथे का सिंदूर हटा जो अबला विधवा हो गई ,
पापा का इंतज़ार करती पलके गीली हो गई ,
संयम के बादल फट न जाएं ,फटने से बचा लो ,
बचा लो बचा लो ये दुनियां :::::::::::::::::
मेरे देश के वीर सिपाही नही नही पीछे हटने वाले है ,
मातृभूमि की रक्षा करते सरहद पर लड़ने वाले है ,
सबक सिखाते है दुश्मन को आन पर मरने वाले है
शान रहे तिरंगे झंडे की शान पर मरने वाले है
ये गौड़ तिरंगे झंडे को दिल में बसा लो,
बसा लो बसा लो ये दुनिया वालो ::::::::::::::::::
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नोट :- उपरोक्त रचना करगिल युद्ध के समय लिखी गई थी :::::
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