-4- 6th June, 2014 , Delhi.
B.S.Sharma.......
( RACHNAKAR)
मीटर से नपते दिलो के बन्धन
है कैसी ये रस्मे प्यार बिकने लगा है ;
फाशला दो दिलो का बढ़ने लगा है ,
सोने के सिक्को से पहचान होती,
दिल की तराजू में तुलते है मोती,
मोती नही तो दम घुटने लगा है। ::::::::::
फासला दो :::::::
मीटर से नपते दिलो के ये बन्धन ;
सिक्कों के आगे नही कोई अड़चन ;
बन्धन ये कैसा खटकने लगा है
फासला दो दिलो ::::::::::::
रस्मे ये दुनिया की कैसी निराली ,
धनवानों ने दुनियां विदेशी बसा ली,
दिलवालो का दिल यूँ धड़कने लगा है
फ़ासला दो दिलो :::::::::::::
जिंदगी के सफर में न प्यारा है कोई;
पैसे से बढ़कर न धारा है कोई ,
प्यार हिमालय का गंगा से यू घटने लगा है ,
फासला दो दिलो :::::::::::::::::::
,::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
B.S.Sharma.......
( RACHNAKAR)
मीटर से नपते दिलो के बन्धन
है कैसी ये रस्मे प्यार बिकने लगा है ;
फाशला दो दिलो का बढ़ने लगा है ,
सोने के सिक्को से पहचान होती,
दिल की तराजू में तुलते है मोती,
मोती नही तो दम घुटने लगा है। ::::::::::
फासला दो :::::::
मीटर से नपते दिलो के ये बन्धन ;
सिक्कों के आगे नही कोई अड़चन ;
बन्धन ये कैसा खटकने लगा है
फासला दो दिलो ::::::::::::
रस्मे ये दुनिया की कैसी निराली ,
धनवानों ने दुनियां विदेशी बसा ली,
दिलवालो का दिल यूँ धड़कने लगा है
फ़ासला दो दिलो :::::::::::::
जिंदगी के सफर में न प्यारा है कोई;
पैसे से बढ़कर न धारा है कोई ,
प्यार हिमालय का गंगा से यू घटने लगा है ,
फासला दो दिलो :::::::::::::::::::
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