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7th July ; 2014 ....
Delhi...........
B.s.sharma..........
" वक़्त"
वक़्त को इन्सान का दुश्मन कहें या भाई ;
वक़्त ही वो चीज है ; जो ना अपनी रखे न पराई ;
खराब वक़्त से न कोई चीज बुरी है ;
इंसान वो ही जो सम्भले बुरी घड़ी है ;
वक़्त के सामने नहीँ चलती चाहें कोई लाख करे चतुराई ;
वक़्त ही वो चीज ::::::::::::::::::
समझ सकते हो भेद नर और नारी का ;
टिक न पाया सत वक़्त के सामने किसी ब्रह्मचारी का ;
वक़्त बना देता है भलाई को बुराई ;
वक़्त को इंसान :::::::::::::::::
राजा न रंक बच पाया कोई वक़्त की फटकार से;
तलवार से गर बच गया ना बचा वक़्त की धार से ;
मातम की जगह वक़्त बजा देता है सहनाई ;
वक़्त ही वो चीज ::::::::::::::::::::::
वक़्त तो वो शुरा है जो ना पीकर भी बना देता है जन्नत ;
पीकर ही गर कोई मांगता है ,तो मांगे उसी की मन्नत;
वक़्त की मीठी मार देख कर एक कली भी है शरमाई ,
वक़्त ही वो चीज है ::::::::::::::::::::::::
7th July ; 2014 ....
Delhi...........
B.s.sharma..........
" वक़्त"
वक़्त को इन्सान का दुश्मन कहें या भाई ;
वक़्त ही वो चीज है ; जो ना अपनी रखे न पराई ;
खराब वक़्त से न कोई चीज बुरी है ;
इंसान वो ही जो सम्भले बुरी घड़ी है ;
वक़्त के सामने नहीँ चलती चाहें कोई लाख करे चतुराई ;
वक़्त ही वो चीज ::::::::::::::::::
समझ सकते हो भेद नर और नारी का ;
टिक न पाया सत वक़्त के सामने किसी ब्रह्मचारी का ;
वक़्त बना देता है भलाई को बुराई ;
वक़्त को इंसान :::::::::::::::::
राजा न रंक बच पाया कोई वक़्त की फटकार से;
तलवार से गर बच गया ना बचा वक़्त की धार से ;
मातम की जगह वक़्त बजा देता है सहनाई ;
वक़्त ही वो चीज ::::::::::::::::::::::
वक़्त तो वो शुरा है जो ना पीकर भी बना देता है जन्नत ;
पीकर ही गर कोई मांगता है ,तो मांगे उसी की मन्नत;
वक़्त की मीठी मार देख कर एक कली भी है शरमाई ,
वक़्त ही वो चीज है ::::::::::::::::::::::::
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