… 43.. 14th June, 2014...
Delhi.....
B.S.Sharma.....
(Rachnakar )..
"दिल की रानी"
पीई नहीं है लेकिन छुईं है जनाब ,
नशा उनकी आखो का बड़ा लाजबाब ,
नजर जो उठा के वो देखे किसी को ,
रुक जाये धड़कन , मिटा दे हसीं को ,
हसने लगे तो लागे खिलता गुलाब ,
नशा उनकी आँखों का"":::::::::::
ख्वाबों में आई वो लगी बात करने,
छुआ ज्यों ही उसकों लगी थी वो डरने ,
छुप गई एकदम दिल को करके खराब ,
नशा उनकी आखो का ::::::::::::
बिगाड़ा क्या मैने मेरे ख्वाबों में आई ,
सिर्फ उसको छुआ ना ज्यादा सताई ,
उसकी अदाएं मेरी बन गई शराब ,
नशा उनकी आँखो का :::::::::::
मेरे दिल पे छाई , ढुंढू कहां मै ,
गजब ऐसी सूरत ना देखी जहां मेँ ,
निकली वो दिल की रानी जब हटाया नकाब ,
नशा उनकी आँखों का :::::::::
::::::::::::::::::::::::::
Delhi.....
B.S.Sharma.....
(Rachnakar )..
"दिल की रानी"
पीई नहीं है लेकिन छुईं है जनाब ,
नशा उनकी आखो का बड़ा लाजबाब ,
नजर जो उठा के वो देखे किसी को ,
रुक जाये धड़कन , मिटा दे हसीं को ,
हसने लगे तो लागे खिलता गुलाब ,
नशा उनकी आँखों का"":::::::::::
ख्वाबों में आई वो लगी बात करने,
छुआ ज्यों ही उसकों लगी थी वो डरने ,
छुप गई एकदम दिल को करके खराब ,
नशा उनकी आखो का ::::::::::::
बिगाड़ा क्या मैने मेरे ख्वाबों में आई ,
सिर्फ उसको छुआ ना ज्यादा सताई ,
उसकी अदाएं मेरी बन गई शराब ,
नशा उनकी आँखो का :::::::::::
मेरे दिल पे छाई , ढुंढू कहां मै ,
गजब ऐसी सूरत ना देखी जहां मेँ ,
निकली वो दिल की रानी जब हटाया नकाब ,
नशा उनकी आँखों का :::::::::
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